इस विचारधारा में स्त्रियों, बच्चों, क़ानून, समाज में बराबरी, सहिष्णुता और सुरक्षा के प्रति कोई सम्मान नहीं है. बाल विवाह केवल लड़कियों के जीवन को संकुचित और दुरूह नहीं बनाता है, लड़कों के जीवन को भी उतना ही प्रताड़ित करता है.
वर्तमान सरकार गाय को लेकर आवश्यकता से ज़्यादा चिंतित होने का दिखावा कर रही है, लेकिन वहीं हर साल डायरिया-कुपोषण से मरने वाले लाखों बच्चों को लेकर सरकार आपराधिक रूप से निष्क्रिय है.