‘शूटर दादी’ चंद्रो तोमर का कोविड-19 के कारण निधन

उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के जोहरी गांव की रहने वाली चंद्रो तोमर ने जब पहली बार निशानेबाजी शुरू की, तब उनकी उम्र 60 साल से अधिक थी. उन्होंने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतीं हैं. वह और उनकी देवरानी प्रकाशी तोमर दुनिया की सबसे उम्रदराज़ निशानेबाज़ों में से एक हैं.

65 से अधिक उम्र के कलाकारों के काम करने पर रोक लगाने का फ़ैसला भेदभावपूर्णः बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के मद्देनज़र 65 वर्ष से अधिक उम्र के कलाकारों के शूटिंग सेट पर काम करने पर रोक लगाई है. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब किसी वरिष्ठ नागरिक को दुकान खोलने और वहां पूरा दिन बैठे रहने से नहीं रोका जा सकता, तो कलाकारों को काम से रोकने का आधार क्या है.

समाज आपको कभी भूलने नहीं देता कि आप औरत हैं: शूटर दादी

साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के जोहरी गांव की दो महिलाएं- चंद्रो और प्रकाशी तोमर ‘शूटर दादी’ के नाम से मशहूर हैं. 60 की उम्र में स्थानीय राइफल क्लब में शूटिंग सीखकर कई कीर्तिमान बना चुकीं इन दोनों महिलाओं के जीवन पर बनी हिंदी फिल्म ‘सांड की आंख’ हाल ही में रिलीज़ हुई है. इन शूटर दादियों से रीतू तोमर की बातचीत.