शरणार्थियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि पहले से चल रहे और हालिया संघर्ष की स्थिति तथा कोरोना महामारी के कारण 2020 में लोगों के जीवन पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ा. विस्थापन के लिए मजबूर हुए 7.95 करोड़ लोगों में 3.4 करोड़ बच्चे थे.
लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ‘यूएन वुमेन’ की प्रमुख फुमजिले म्लाम्बो नगकुका ने कहा कि महिलाओं को संघर्षों को समाप्त करने के लिए होने वाली वार्ताओं से अब भी सोच-समझकर बाहर रखा जाता है और इन वार्ताओं में पुरुष उनके जीवन को प्रभावित करने वाले फैसले लेते हैं.
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु से जुड़ी आपदाओं और आर्थिक अशांति जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट की वजह से 53 देशों में ये लोग घोर भुखमरी का सामना कर रहे हैं और उन्हें तत्काल खाद्य पदार्थ, पोषक आहार और आजीविका की ज़रूरत है.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.