अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने कहा कि भारत का कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदी लगाने का कश्मीरियों के रोजमर्रा के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है. भारत के लिए इन प्रतिबंधों को उठाने और कश्मीरियों को किसी भी अन्य भारतीय नागरिक के समान अधिकार और विशेषाधिकार देने का समय है.
अमेरिकी सांसद इससे पहले जम्मू कश्मीर के हालात देखने के लिए वहां जाना चाहते थे, हालांकि भारत सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी.
भारत सरकार से जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत न मिलने के बावजूद अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद क्रिस वान हालेन इस हफ्ते भारत आए. उन्होंने अधिकारियों और नागरिक समाज के लोगों से मुलाकात की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और क्षेत्र में हाल का घटनाक्रम पूरी तरह से देश का ‘अंदरुनी मामला’ है.
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने करीब 40 मिनट के भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाने से पहले तीन वैश्विक मुद्दों को उठाया जिसमें जलवायु परिवर्तन, अमीरों का भ्रष्टाचार और इस्लामोफोबिया शामिल थे.
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि हम सामूहिक विनाश की कगार पर हैं जबकि आप पैसों और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं. आपकी ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई?
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों के कारण अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्हें विद्यालय नहीं भेज रहे हैं.
जुलाई में अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्देश के बाद पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक पहुंच दी थी, जिसके बाद दो सितंबर को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के प्रभारी गौरव अहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात की थी.
कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अपील की है कि वह कश्मीर में संचार माध्यमों को तत्काल बहाल करने और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालें.
पोस्टरों के बारे में पूछे जाने पर 4 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा था कि यहां कोई संगठित अभियान नहीं चल रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारत को पहली बार पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच मिली. सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात की. यह मुलाकात अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत हुई.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बीते रविवार को ट्वीट कर कहा था कि कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच दो सितंबर को उपलब्ध कराई जाएगी.
पाकिस्तान ने सात पन्नों के इस पत्र में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कश्मीरी लड़कियों के साथ विवाह से जुड़े कथित बयान का ज़िक्र किया है. पाकिस्तान के पत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी नाम था, जिसके बाद भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज जोशी, पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर और हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.