राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख रहे एमएस गोलवलकर के विचारों को ज़्यादातर लोकतंत्र के ख़िलाफ़ माना जाता है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ख़ुद एक कार्यक्रम के दौरान उनसे दूरी बनाते नज़र आए थे.
वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 1 से 4 में भारत का क्षेत्रफल, नए राज्य बनाने का अधिकार, राज्यों की सीमा घटाने, बढ़ाने और उनके नाम बदलने का अधिकार, नए क्षेत्र को अर्जित करने के अधिकार के बारे में बताया गया है. साथ ही राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में क्या अंतर है, क्या क़ानून हैं, विस्तार से बता रही हैं अवनि बंसल.
वीडियो: 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में निकाले गए किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हिंसा में उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के 25 वर्षीय नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. उनके दादा हरदीप सिंह डिबडिबा से अधिवक्ता अवनि बंसल की बातचीत.
वीडियो: हमारा संविधान की इस कड़ी में जानिए- संविधान की प्रस्तावना, उद्देशिका और इसमें संशोधन करने का अधिकार. सुप्रीम कोर्ट के वो अहम फैसले, जिसमें बात हुई संविधान के प्रस्तावना की.
वीडियो: हमारा संविधान की इस कड़ी में जानिए, भारतीय संविधान की कल्पना करने में महिलाओं ने क्या भूमिका निभाई. सबको मतदान का अधिकार कैसे मिला और संविधान की प्रस्तावना ‘हम भारत के लोग’ के प्रारंभिक शब्दों का क्या महत्व है. सांसदों ने संविधान में ‘जनमत संग्रह’ प्रस्ताव को शामिल क्यों नहीं किया.
वीडियो: हमारा संविधान के दूसरे एपिसोड में जानिए पहली बार भारत के संविधान की मांग कब हुई, संविधान बनाने में किन लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, क्या थी संविधान बनाने वाली कमेटी की संरचना और वे क़ानून जिन पर भारत का संविधान आधारित है.
वीडियो: हमारा संविधान कार्यक्रम की पहली कड़ी में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल बता रही हैं कि कैसे संविधान लोकतंत्र को स्थापित करता है और लोकतंत्र को रंग-रूप देता है संविधानवाद. संविधान और संविधानवाद में क्या अंतर होता है?
बिहार हाईकोर्ट ने राज्य में कॉन्स्टेबल पदों के आवेदन के विज्ञापन में थर्ड जेंडर का ज़िक्र न होने को संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए राज्य सरकार को सुधारात्मक कार्रवाई करने और अगले आदेश तक अभ्यर्थियों की अंतिम सूची तय करने की प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश दिया है.
बहुत सारे अधिकार संविधान सभा की बहसों से निकले थे, जब भारतीय संविधान बना तो उसमें उन अधिकारों को लिख दिया गया और बहुत सारे अधिकार बाद में दलितों ने अपने संघर्षों-आंदोलनों से हासिल किए थे. हालांकि दलितों का बहुत सारा समय और संघर्ष इसी में चला गया कि राज्य ने उन अधिकारों को ठीक से लागू नहीं किया.
चार दशक पहले केशवानंद भारती ने केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया था. 13 जजों की पीठ ने 7-6 की बहुमत से कहा था कि संसद के पास संविधान में संशोधन की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के मूलभूत ढांचे को नहीं बदल सकती है.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां अब्दुल क़यूम बीते अगस्त से पीएसए के तहत आगरा की एक जेल में हिरासत में हैं. उनकी हिरासत बरक़रार रखने के प्रशासन के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए क़यूम ने कहा कि इस हिरासत का समर्थन करने के लिए सरकार के पास कोई सबूत नहीं हैं.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सभी धार्मिक स्थलों को खोलने और कोरोना संक्रमण के चलते धार्मिक प्रतिष्ठानों पर लगाए गए प्रतिबंधों को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई थी.
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दाख़िल की गईं नई याचिकाओं में कहा गया है कि इस क़ानून में मुस्लिम वर्ग को स्पष्ट रूप से अलग रखना संविधान में प्रदत्त मुसलमानों के समता और पंथनिरपेक्षता के अधिकारों का हनन है.
यूएन मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने कहा कि इस महामारी से सामना करने के लिए राज्यों को अतिरिक्त शक्तियों की आवश्यकता है. हालांकि अगर कानून के शासन को बरकरार नहीं रखा जाता है तो ये महामारी एक मानवाधिकार आपदा में तब्दील हो जाएगी.
पाकिस्तानी सेना की शोध पत्रिका ‘ग्रीन बुक 2020’ में एक लेख में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कश्मीर को ‘परमाणु युद्ध को निमंत्रण देने वाला केंद्र बिंदु’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नियमों की पूरी तरह से अवहेलना की है.