बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जा रहा है और एनपीआर का 2010 में किए गए तरीके से ही अपडेटेशन किया जाएगा.
मध्य प्रदेश की सरकार ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन क़ानून के प्रस्ताव पारित करते हुए इसे भारतीय संविधान की मूल भावना का उल्लंघन बताया. इससे पहले केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि ‘लव जिहाद’ शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है. संविधान का अनुच्छेद 25 किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है.
रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं. वहीं, सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए हैं.
आपत्तिजनक बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास पढ़ने पर मेरा खून खौलता है.
सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत सामान्य तौर पर तब तक समाप्त नहीं किए जाने की जरूरत है जब तक अदालत द्वारा उसे समन किया जाए या आरोप तय किए जाएं. हालांकि यह अदालत पर निर्भर है कि ‘विशेष या खास’ मामलों में इसकी अवधि तय करे.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से इस क़ानून को रद्द करने के साथ एनआरसी को क्रियान्वित करने और एनपीआर को अपडेट करने की योजनाओं को निरस्त करने की भी अपील की गई है. इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान में इस विवादास्पद क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र सरकार से इस कानून को रद्द करने का आग्रह किया है. इस दौरान विधानसभा में भाजपा के कई नेताओं ने नागरिकता कानून के पक्ष में नारेबाजी की.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की बेंच गठित करने का संकेत दिया है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि इस क़ानून को लागू करने की प्रक्रिया को टाल दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया.
केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि नागरिकता कानून को 70 साल पहले लागू हो जाना चाहिए था. नागरिकता कानून देश विभाजन के पाप का प्रायश्चित है. यह कांग्रेस के पाप का प्रायश्चित है.
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विधानसभा में इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून असंवैधानिक है और इसे ख़त्म किया जाना चाहिए. संसद में इसके पक्ष में मतदान करने वाले शिरोमणि अकाली दल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है.
हालांकि किसानों की ये क़र्ज़ माफ़ी वास्तविकता के बजाय काग़ज़ों पर ही अधिक हुई हैं. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक क़र्ज़ माफ़ नहीं किए जा सके हैं. सबसे ख़राब प्रदर्शन मध्य प्रदेश का रहा है. मध्य प्रदेश में महज़ 10 प्रतिशत क़र्ज़ माफ़ किए गए हैं.
वीडियो: द वायर द्वारा आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कानून मंत्रालय ने तीन तलाक़ बिल पर किसी भी मंत्रालय या विभाग से विचार-विमर्श नहीं किया था. इसके लिए मंत्रालय ने दलील दी थी कि तीन तलाक़ की अनुचित प्रथा को रोकने की जल्द ज़रूरत है, इसलिए संबंधित मंत्रालयों से परामर्श नहीं लिया गया.
विशेष रिपोर्ट: आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि मंत्रालय ने दलील दी थी कि तीन तलाक़ की अनुचित प्रथा को रोकने की अति-आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए संबंधित मंत्रालयों से परामर्श नहीं लिया गया.
नागरिकता संशोधन कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, 'देश कठिन दौर से गुजर रहा है. हमारी कोशिश शांति बहाल करने की होनी चाहिए.'