आईएमएफ की ओर से कहा गया है कि कई अरब देशों में प्रति व्यक्ति क़र्ज़ बहुत ही ज़्यादा बढ़ गया है. यहां जीडीपी का औसतन 85 प्रतिशत क़र्ज़ है. वहीं लेबनान और सूडान में यह क़र्ज़ जीडीपी का 150 प्रतिशत से ज़्यादा पहुंच चुका है.
इराक़ में भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी के विरोध में बीते एक अक्टूबर से सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं. अक्टूबर में प्रदर्शन के दौरान अब तक तकरीबन 231 लोगों की मौत हो चुकी है.
ईरान के दूसरे बड़े शहर मशहद में बीते गुरुवार को चरमराती अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोज़गारी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए, जो कई शहरों तक फैल गए.
थियानमेन चौक नरसंहार के 28 साल से भी ज़्यादा समय बाद यह दस्तावेज़ सार्वजनिक किया गया. यह दस्तावेज़ ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्ज़ में पाया गया.