वर्ष 2000 में तमिल बहुल उत्तरी प्रांत में तैनाती के दौरान श्रीलंकाई सैनिक सुनील रत्नायके एक बच्चे समेत आठ नागरिकों की हत्या का आरोप लगाया गया था. 2015 में उच्च न्यायालय ने उन्हें हत्या का दोषी ठहराया था. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सैनिक की सज़ा माफ़ कर दी है.
वर्ष 2015 में तत्कालीन श्रीलंका सरकार ने तमिल अल्पसंख्यक समुदाय से सामंजस्य स्थापित करने के लिए स्वतंत्रता दिवस समारोह में तमिल में भी राष्ट्रगान को शामिल किया था.
इस्तीफ़ा देने वाले शीर्ष मंत्रियों में से कुछ पर आईएसआईएस से जुड़े नेशनल तौहीद जमात से संबंध रखने के आरोप लगे हैं. इस इस्लामिक चरमपंथी समूह द्वारा ईस्टर पर किए गए घातक आत्मघाती हमलों में 258 लोगों की जान चली गई थी.
सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के बाद भड़की हिंसा. श्रीलंका सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है. हिंसा के दौरान भीड़ ने अल्पसंख्यक मुसलमानों की दुकानों एवं वाहनों को आग लगा दी और मकानों एवं मस्जिदों में भी तोड़-फोड़ की.