अमेरिकी अख़बार वाशिंगटन पोस्ट और जर्मनी की सरकारी संवाद एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी खुफिया संस्था सीआईए ने एक स्विस कंपनी के ज़रिये लगभग पचास सालों से अधिक समय तक दुनिया के तमाम देशों के गोपनीय सूचनाओं और जानकारी में सेंध लगाई और अमेरिकी नीति तय करने में सहायता दी.
एंटी-नेशनल, भारत विरोधी जैसे शब्द आपातकाल के सत्ताधारियों की शब्दावली का हिस्सा थे. आज कोई और सत्ता में है और अपने आलोचकों को देश का दुश्मन बताते हुए इसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है.
जन गण मन की बात की 260वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में भाजपा के सरकार से समर्थन वापस लेने और भारत की वैश्विक छवि पर चर्चा कर रहे हैं.
विभिन्न सुविधाओं को आधार से जोड़ने के ख़तरे के सवाल पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा, 40 प्रतिशत भारतीयों का डेटा स्मार्ट फोन के जरिये सीआईए से साझा हो रहा है.