केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दिल्ली मुख्यालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि सात दिसंबर को राज्य में दूसरे चरण का मतदान होने के बाद जब सैनिक 17 किमी पैदल समेत 200 किमी की दूरी तय कर रांची पहुंचे तो उन्हें न तो पीने के लिए पानी दिया गया और न ही अन्य स्थानीय मदद उपलब्ध कराई गई.
यह आंकड़ा सभी 11 नक्सल प्रभावित राज्यों का है. साल 2016 से जुलाई 2018 तक हार्ट अटैक, मलेरिया-डेंगू, आत्महत्या और अन्य गैर नक्सली कारणों से 1294 सीआरपीएफ जवानों की मौत हुई है.