विशेष रिपोर्ट: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की कवरेज के लिए गए एक स्थानीय चैनल के संवाददाता आकाश नापा को गोली लगी है. वे जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं.
भगवा रंग की टी-शर्ट और कुर्ते पहने पांच से छह व्यक्तियों ने उस समय नारे लगाने शुरू कर दिए जब ट्रेन राजीव चौक स्टेशन पर रुकने ही वाली थी. ट्रेन से उतरने के बाद भी इन लोगों ने सीएए के समर्थन में और ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो...’ जैसे नारे लगाए. सीआईएसएफ के जवानों ने इन व्यक्तियों को रोककर उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि दिल्ली के उत्तर पूर्व इलाके में सांप्रदायिक हिंसा में अनेक लोगों के हताहत होने से संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ‘बहुत दुखी’ हैं और उन्होंने हिंसा के मामले में अधिकतम संयम बरतने की अपील की है.
वीडियो: बीत दिनों दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में भड़की हिंसा में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और तीन सौ से ज़्यादा लोग घायल हैं. इस दौरान चांद बाग के मोहम्मद ज़ुबैर भी दंगाइयों की बर्बरता का शिकार बने और खून में लथपथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. ज़ुबैर से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
केंद्र सरकार ने बीते 26 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले का आदेश जारी किया था. उसी दिन जस्टिस मुरलीधर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कथित घृणा भाषण देने के लिए तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में दिल्ली पुलिस की नाकामी को लेकर ‘नाराजगी’ जाहिर की थी.
वीडियो: बीते रविवार से दिल्ली में शुरू हुए दंगे की आग में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर दिल्ली पुलिस तक पूरा प्रशासनिक महकमा मूकदर्शक बना रहा. दंगा रोकने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस पिछले कुछ समय से अपनी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवालों के घेरे में है. सांप्रदायिकता, दंगा और पुलिस की भूमिका पर
2020 के दिल्ली दंगे सांप्रदायिक आधार पर देश को बांटने की सुनियोजित कोशिश का नतीजा हैं.
वीडियो: दिल्ली में हुई हालिया हिंसा में जान गंवाने वालों में एक गर्भवती महिला के ऑटो ड्राइवर पति, एक नवविवाहित युवक, एक इलेक्ट्रिशियन, एक ड्राईक्लीनर जैसे लोग शामिल हैं. जीटीबी अस्पताल के बाहर से पीड़ितों से बातचीत.
वीडियो: दिल्ली में दंगाइयों ने विभिन्न मीडिया संस्थानों के कई पत्रकारों को निशाना बनाया. एक पत्रकार को गोली मार दी गई, कई घायल हुए और महिला पत्रकारों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा. इस बारे में द वायर के पत्रकारों- अजय आशीर्वाद, नाओमी बार्टन और अविचल दुबे से धीरज मिश्रा की बातचीत.
वीडियो: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में जान गंवाने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. दिल्ली के कई अस्पतालों में 300 से अधिक घायलों का इलाज जारी है. जान गंवाने वालों में एक गर्भवती महिला के ऑटो ड्राइवर पति, एक नवविवाहित युवक, सिविल सेवा की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा छात्र, एक बढ़ई जैसे लोग शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के तहत गठित एसआईटी टीमों में से एक के प्रमुख डीसीपी जॉय टिर्की होंगे जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व डीसीपी राजेश देव करेंगे. ये दोनों अधिकारी जामिया और जेएनयू हिंसा मामलों की भी जांच कर रहे हैं.
दिल्ली दंगा पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग, अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स और कई अन्य प्रमुख अमेरिकी सांसदों के बयानों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन टिप्पणियों का उद्देश्य मुद्दे का राजनीतिकरण करना है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया. इसके साथ ही नाबालिगों की मौत के मामले में भी पांच लाख रुपये दिए जाएंगे.
दिल्ली हिंसा की तैयारी में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, दूसरे केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के नेताओं के प्रत्यक्ष और परोक्ष मुसलमान विरोधी उकसावे की भूमिका है. अगर कभी इस हिंसा की निष्पक्ष जांच हुई, जिसकी उम्मीद न के बराबर है तो इन सब पर इन सभी हत्याओं के लिए ज़िम्मेदारी तय की जाएगी.