शैलजा टीचर: प्रश्न व्यक्ति का नहीं व्यक्तित्व की उपेक्षा का है…

शैलजा टीचर प्रसंग बताता है कि माकपा में व्यापक जनमत को लेकर कोई विशेष सम्मान नहीं है. वह जनमत को पार्टी लाइन के आगे नहीं मानती है. इसी हठधर्मिता के कारण वो सिंगूर और नंदीग्राम में जनता के विरोध के बावजूद अपनी लाइन पर अड़ी रही और बर्बाद हो गई. सत्ता चली गई, लाइन बची रह गई!

केरल में वोटिंग के दिन मुख्यमंत्री विजयन बोले- सबरीमला के भगवान एलडीएफ के साथ हैं

सबरीमाला मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करने के लिए राज्य के वामपंथी दलों को विरोध झेलना पड़ा है. विपक्ष ने कहा है कि डर के मारे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भगवान का नाम ले रहे हैं.

क्या ममता बनर्जी बंगाल में अपने कार्यकाल की हैट्रिक नहीं लगा पाएंगी?

वीडियो: पश्चिम बंगाल में किस प्रकार के चुनावी समीकरण देखने को मिल सकते हैं, कौन-कौन सी समस्याएं हैं, कौन-कौन से मुद्दे हैं, क्या यह लड़ाई सिर्फ़ भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच में ही है? इन मुद्दों पर राजनीतिक शोधकर्ता सज्जन कुमार से द वायर के पोलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद की बातचीत.

राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मोदी के बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक भाषण को चुनाव आयोग ने दी क्लीन चिट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि विपक्षी दल लोकसभा की उन सीटों से अपने नेताओं को खड़ा करने से डरता है जहां बहुसंख्यकों का प्रभुत्व है.

मोदी के ख़िलाफ़ आचार संहिता उल्लंघन मामला: नहीं हुई चुनाव आयोग के फुल कमीशन की एक भी बैठक

चुनाव आयोग के फुल कमीशन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा हैं. एक चुनावी रैली में मोदी के संबोधन को लेकर कांग्रेस की पहली शिकायत चुनाव आयोग को पांच अप्रैल को मिली थी.

द वायर बुलेटिन: वाराणसी में मोदी के ख़िलाफ़ खड़े बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को सपा ने बनाया उम्मीदवार

जेट और किंगफिशर के बाद पवन हंस पर आर्थिक संकट, कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में नौ राज्यों की 72 सीटों पर मतदान शुरू

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में भाजपा नेता गिरिराज सिंह, बाबुल सुप्रियो, बैजयंत पांडा, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, उर्मिला मातोंडकर, मिलिंद देवड़ा, सीपीएम के कन्हैया कुमार, समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव की चुनावी किस्मत ईवीएम में कैद होगी.

क्या जनता परिवारवाद, यारवाद और पैसावाद को लेकर चिंतित है?

एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.

भाजपा ने त्रिपुरा में पंचायत उपचुनावों में 96 फीसदी सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की

विपक्षी पार्टियों और भाजपा से अलग ग्रामीण उपचुनाव लड़ रही आईपीएफटी ने आरोप लगाया है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को भाजपा ने इस्तीफ़ा देने पर मजबूर किया और उनके उम्मीदवारों को चुनाव के लिए नामांकन पत्र दायर करने की अनुमति नहीं दी.

लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का निधन

सोमनाथ चटर्जी दस बार लोकसभा सांसद रहे थे. हालांकि एक बार उन्हें ममता बनर्जी से हार का सामना करना पड़ा था. चटर्जी माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे थे.

क्या देश में वामपंथी पालकी के कहार बन कर रह गए हैं?

वामपंथी दल आज़ादी के बाद विकसित अपनी वह छवि नहीं बचा पाए हैं, जिसमें उन्हें सत्ता का सबसे प्रतिबद्ध वैचारिक प्रतिपक्ष माना जाता था. वे परिस्थितियों के नाम पर कभी इस तो कभी उस बड़ी पार्टी की पालकी के कहार की भूमिका में दिखने लगे.