जवान ने अधिकारियों जैसा भोजन, साप्ताहिक छुट्टी और शारीरिक दंड का रिवाज़ ख़त्म करने के साथ नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की आलोचना की थी.
सशस्त्र बलों की कठिनाईयों को गंभीरता से समझने की जरूरत है सिर्फ सोशल मीडिया पर बहस करने से इसका हल नहीं निकलने वाला है