सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में प्रदूषण से संबंधित दिल्ली जल बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान देशभर की नदियों में प्रदूषण की न्यायिक समीक्षा का दायरा बढ़ाते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली तथा हरियाणा सहित पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है.
यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान कर 10 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. यह निर्देश ऐसे वक़्त आया है, जब दिल्ली जल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि बार-बार कहने के बावजूद हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए क़दम नहीं उठाया है.
एनजीटी द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने यह भी कहा है कि राज्यों को यमुना के कम पानी और संरक्षण पर ध्यान देना होगा. इसके लिए हो सकता है कि राज्यों को कम पानी में काम चलाना पड़े.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2015 में दिए एक फ़ैसले का हवाला देते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि प्रदूषित पानी छोड़कर पानी को गंदा करने वाले दिल्ली के रहवासियों से पर्यावरणीय मुआवज़ा वसूल किया जाए.
दिल्ली के ख़ान मार्केट स्थित ताज विवांता होटल सीवेज संयंत्र के अंदर ज़हरीली गैस के चपेट में आने से पांच लोग गंभीर से रूप से बीमार हो गए थे. तीन लोगों का इलाज चल रहा है.
मृतकों में से एक एमबीए कर रहा था. मुक़दमा दर्ज होने के बाद आभूषण निर्माण इकाई का मालिक फ़रार.
नोएडा के सेक्टर-110 में सीवर की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई. घटना के बाद से नोएडा विकास प्राधिकरण का ठेकेदार फरार.
सफाई कर्मचारी आंदोलन के अध्ययन के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 1470 सीवर सफाईकर्मियों की जान गई. इस दौरान दिल्ली में 74 सफाईकर्मियों की मौत सीवर साफ करते समय हुई.
राजधानी के शाहदरा इलाके में एक शॉपिंग मॉल के बेसमेंट में नाला साफ करते समय दो भाइयों की शनिवार को हुई मौत.
रविवार को दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में सफाई के दौरान तीनों कर्मचारी जहरीली गैस की चपेट में आ गए थे. 15 जुलाई को घिटोरनी इलाके में चार सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई थी.
देवास ज़िले के पिपलरावा थाना इलाके के गांव बरदु का मामला. पुलिस ने मामला दर्ज़ किया.