सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यदि कोई पार्टी सत्ता में आ जाती है तो वो आलोचनाओं से परे नहीं रह सकती है. असहमति का अधिकार ऐसी आलोचनाओं की इजाज़त देता है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि एसोसिएशन की कार्यकारी समिति में उनका कार्यकाल पहले ही ख़त्म हो चुका है और हालिया घटनाक्रमों के बाद उन्हें लगता है कि वे वकीलों की अगुवाई करने का अधिकार खो चुके हैं.
वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने एक कार्यक्रम में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के जज किसी राजनेता की प्रशंसा करते हैं तो वे अधीनस्थ अदालतों को क्या संदेश देते हैं? इसका केवल यही संदेह होता है, मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मामले तय न करें. कार्यपालिका के पक्ष में जाने के लिए जज क़ानून के परे जा चुके हैं.
बुधवार को रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा को उनके सहयोगियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विदाई दी गई. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने इस आयोजन में उन्हें बोलने का मौक़ा न दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है.
अपने विदाई भाषण में जस्टिस दीपक गुप्ता ने पूरी न्यायिक व्यवस्था में मानवीय मूल्यों को स्थापित करने की बात की. उन्होंने कहा कि वकील अपने मुवक्किल से बेतहाशा फीस नहीं ले सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित ‘लोकतंत्र और असहमति’ पर एक व्याख्यान देते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि अगर यह भी मान लिया जाए कि सत्ता में रहने वाले 50 फीसदी से अधिक मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं तब क्या यह कहा जा सकता है कि बाकी की 49 फीसदी आबादी का देश चलाने में कोई योगदान नहीं है?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले में दलीलें पेश कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन को अवमानना कार्यवाही की धमकी दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने जस्टिस अरुण मिश्रा से अनुरोध किया कि वकीलों के साथ बात करते समय वह थोड़ा संयम बरतें.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा सीजेआई रंजन गोगोई पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को 'झूठा और मनगढंत' बताते हुए कहा कि पूरा बार चीफ जस्टिस के साथ है.
एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि वकील जजों को निशाना बनाकर इस संस्था को ही ख़त्म कर रहे हैं.
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों द्वारा मुक़दमों के आवंटन पर सवाल उठाया गया था.
सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों से की भेंट. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी मामले के एक हफ़्ते में सुलझने की उम्मीद जताई.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत की पूर्ण पीठ को तत्काल विचार करना चाहिए.