स्टरलाइट विरोधी आंदोलन में हुई गोलीबारी में तूतीकोरिन पुलिस के शामिल होने पर एक पत्रकार वार्ता करने के बाद 15 फरवरी से पर्यावरण कार्यकर्ता एस. मुगिलन लापता हो गए थे. लापता होने से कुछ घंटों पहले वे एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ को लेकर पत्रकारों से मिले थे.
तमिलनाडु सरकार एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. राज्य सरकार ने प्रदूषण संबंधी चिंताओं पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद इस साल 28 मई को वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद करने का निर्देश दिया था.
वेदांता समूह के स्टरलाइट प्लांट के कर्मचारियों की व्यथा बताती है कि कंपनी का अपने कर्मचारियों के प्रति रवैया बेहद अमानवीय था.
22 मई को स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ 100 दिनों से चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया था और पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
एनडीए सरकार द्वारा दिसंबर 2014 में पर्यावरण क़ानून में इस तरह के बदलाव किए गए, जिससे वेदांता के तूतीकोरिन प्रोजेक्ट जैसे कुछ विशेष प्लांट को इससे प्रभावित होने वाले लोगों के राय-मशविरे के बिना बनाने की मंज़ूरी मिली.
वेदांता की छवि हमेशा से ही पर्यावरण और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली कंपनी की रही है. दिलचस्प ये है कि कंपनी नरेंद्र मोदी सरकार के 'विकास एजेंडा' के झंडाबरदारों में से एक है.
जन गण मन की बात की 247वीं कड़ी में विनोद दुआ तूतीकोरिन में वेंदाता समूह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में लोगों की मौत और लोकसभा में भाजपा के संख्या बल में आई कमी पर चर्चा कर रहे हैं.