प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिसर छोड़ने के थोड़ी देर बाद ही मिशन ने उनके भाषण से ख़ुद को यह कहते हुए अलग कर लिया कि यह एक अराजनीतिक संस्था है जहां सभी धर्म के लोग भाइयों की तरह रहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए स्वच्छता, स्वास्थ्य बीमा, बैंक खातों, आतंकवाद, जन कल्याण, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर बात की. यह संयुक्त राष्ट्र में मोदी का दूसरा संबोधन था.
त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर इससे पहले पिछले महीने तब विवादों में घिर गए थे जब कैंपस में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एबीवीपी का झंडा फहराया था और कहा था कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और यह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है.
त्रिपुरा यूनिवर्सिटी के कुलपति विजयकुमार लक्ष्मीकांतराव धारुरकर का कहना है कि एबीवीपी एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और यह किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है.
प्रधानमंत्री इसीलिए आज के ज्वलंत सवालों के जवाब देना भूल जा रहे हैं क्योंकि वे इन दिनों नायकों के नाम, जन्मदिन और उनके दो-चार काम याद करने में लगे हैं. मेरी राय में उन्हें एक मनोहर पोथी लिखनी चाहिए, जो बस अड्डे से लेकर हवाई अड्डे पर बिके. इस किताब का नाम मोदी-मनोहर पोथी हो.
1984 के राजीव गांधी और 1993 के नरसिम्हा राव की तरह वाजपेयी इतिहास में एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किए जाएंगे, जिन्होंने पाठ तो सहिष्णुता का पढ़ाया, मगर बेगुनाह नागरिकों के क़त्लेआम की तरफ़ से आंखें मूंद लीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में वंदे मातरम कहने का सबसे पहला हक़ सफाई कार्य करने वालों को है.