केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के 5,183 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 78.9 फ़ीसदी सर्जन, 69.7 फ़ीसदी प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, 78.2 फ़ीसदी फिजीशियन और 78.2 फ़ीसदी बच्चों के डॉक्टरों की कमी है.
वाराणसी के 28 चिकित्सा अधिकारियों ने 12 अगस्त को सामूहिक इस्तीफ़ा देते हुए आरोप लगाया था कि उप जिलाधिकारी उन पर दबाव बनाते हुए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. अधिकारियों ने प्रशासन को अतिरिक्त सीएमओ की मौत के लिए भी ज़िम्मेदार ठहराया था.
सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में निकल रहे कोविड-19 बायोमेडिकल कचरे की मात्रा मई में 25.18 टन प्रतिदिन थी, जो जून में बढ़कर 372.47 टन प्रतिदिन तक हो गई.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण में याचिका दायर कर आग्रह किया गया है कि ऐसे सभी अस्पतालों और चिकित्सा प्रतिष्ठानों तथा कचरा निस्तारण संयंत्रों को बंद किया जाए जो कचरा प्रबंधन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.