परिजनों का आरोप है कि 24 वर्षीय जुनैद को ग़लत तरीके से बीते 31 मई को फ़रीदाबाद की साइबर पुलिस ने हिरासत में लिया गया था और इस दौरान उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि जुनैद की मौत किडनी संबंधी दिक्कत की वजह से हुई.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को हिसार में एक कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे, जहां कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान पहुंच गए. उन्हें कार्यक्रम स्थल से पहले ही रोक दिया गया और यहां उनके और पुलिस के बीच झड़प हुई. इसमें 70 से अधिक किसान और कुछ पुलिस कर्मी घायल हुए हैं.
रोहतक ज़िले के अस्थल बोहर में शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि वे राज्य के भाजपा नेताओं और सरकार के लगातार किसान विरोधी भाषण और व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं.
पिछले साल 26 अक्टूबर को बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा निकिता तोमर परीक्षा देकर कॉलेज से बाहर निकली थीं, तभी तौसीफ़ और रेहान नाम के युवकों ने उन्हें जबरन कार में बैठाने की कोशिश की थी. असफल होने पर तौसीफ़ ने गोली मारकर निकिता की हत्या कर दी थी. हरियाणा के गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हाईकोर्ट में अपील दायर कर दोनों को मौत की सज़ा देने का अनुरोध करेगी.
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 88 सदस्य हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर छह घंटे चली चर्चा के बाद प्रस्ताव के ख़िलाफ़ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े. सदन में राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक ने कहा कि कृषि क़ानूनों के चलते भाजपा-जेजेपी नेताओं को उनके गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.
वीडियो: 24 वर्षीय नवदीप कौर मज़दूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं, जिन्हें बीते 12 जनवरी को सोनीपत में एक औद्योगिक इकाई पर हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने उन पर हत्या के प्रयास और उगाही के आरोप में तीन मामले दर्ज किए थे. कुछ दिन पहले उन्हें ज़मानत मिली है.
दलित अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के साथ काम करने वाले मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को एक औद्योगिक इकाई के ख़िलाफ़ संगठन बनाकर विरोध करने के लिए दर्ज दो मामलों में तीन मार्च और एक मामले में 4 मार्च को ज़मानत मिल गई. 12 जनवरी को कौर की गिरफ़्तारी के बाद शिव कुमार को हिरासत में लिया गया था.
नवदीप कौर और शिव कुमार दोनों मज़दूर अधिकार संगठन के सदस्य हैं. दोनों को जनवरी में गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि दोनों कृषि क़ानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लोगों को एकजुट कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ़्तार किया गया.
बयान में कहा गया है कि कई सरकारी एजेंसियों और राज्य सरकारों ने किसान, मज़दूर, शिक्षाविदों, पत्रकारों, कॉमेडियन और आम नागरिकों के अलावा युवा कार्यकर्ताओं को डराया-धमकाया और सिर्फ इसलिए मामला दर्ज किया क्योंकि ये लोग सरकार से असहमति जता रहे थे और लगातार उससे सवाल पूछ रहे थे.
किसान आंदोलन से हुए राजनीतिक नुकसान को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों में बैठकें की जा रही हैं. गुड़गांव में हुई ऐसी बैठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से एक कार्यकर्ता प्रदर्शनकारी किसानों को 'बहकाने का मंत्र' देने की बात कहते नज़र आ रहा है.
रोहतक में शुक्रवार शाम एक अखाड़े में हुई गोलीबारी में अखाड़ा संचालक कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी, एक कुश्ती प्रशिक्षक और दो महिला खिलाड़ियों की मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार आरोपी कोच को मारी गई एक खिलाड़ी के उत्पीड़न के आरोप में अखाड़े से बर्ख़ास्त किया गया था, उसने प्रतिशोध के लिए ऐसा किया.
नवदीप कौर मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं, जिन्हें 12 जनवरी को सोनीपत में एक औद्योगिक इकाई पर हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने उन पर हत्या के प्रयास और उगाही के आरोप में तीन मामले दर्ज किए हैं, जिनका कौर के परिजनों ने खंडन किया है.
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर तक़रीबन एक महीने से हिरासत में हैं. परिवार का आरोप है कि वह बीते नवंबर में सिंघू पर किसानों के आंदोलन में शामिल हुई थीं और उन मज़दूरों के लिए भी लड़ रही थीं, जिन्हें नियमित मज़दूरी नहीं मिलती थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की बैठक के बाद ये कदम उठाया गया है. राज्य की भाजपा नीत सरकार नए कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों के भारी विरोध का सामना कर रही है.
हरियाणा के करनाल ज़िले के कैमला गांव में बीते 10 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था. आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने तोड़फोड़ के लिए लोगों को उकसाया था.