अमेरिकी खाद्य और दवा नियामक संस्था ने कोविड-19 के उपचार के लिए आपात स्थिति में क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को दी गई मंज़ूरी वापस लेते हुए कहा कि ये मलेरिया रोधी दवाएं कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में संभवत: प्रभावी नहीं हैं.
विश्व के क़रीब 100 से अधिक वैज्ञानिकों ने दोनों पत्रिकाओं के संपादकों को लिखे गए खुले पत्र में दोनों अध्ययनों में इस्तेमाल डेटा की गुणवत्ता में विसंगति का मुद्दा उठाया था. पत्र में डेटा की सत्यता और अध्ययन में इससे जिस तरह का विश्लेषण किया गया, उन सबको लेकर चिंता जताई गई थी.
आईसीएमआर के अध्ययन में यह भी पाया गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और दवाओं के विपरित प्रभाव के बीच कोई खास संबंध नहीं है.
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के परीक्षण पर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है. हालांकि भारत सरकार का कहना है कि इसके इस्तेमाल के बारे में देश में पर्याप्त अनुभव है, विभिन्न अध्ययन इसके उपयोग को सही ठहराते हैं.
वीडियो: मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को दी गई चेतावनी पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.