तमिलनाडु के अयोग्य ठहराए एआईएडीएमके के 18 विधायक शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरण के वफ़ादार माने जाते थे. इन विधायकों ने राज्य की पलानीस्वामी सरकार में अविश्वास जताया था, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. विधायकों ने इस फैसले को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
आरोप है कि खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ये चारों शख्स सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर जासूसी कर रहे थे.
ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2016 से जनवरी 2018 के बीच राज्य में 57,000 बच्चों ने कुपोषण के कारण दम तोड़ दिया था. कुपोषण की वजह से ही श्योपुर ज़िले को भारत का इथोपिया कहा जाता है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकार प्राप्त समिति ने कहा था कि अरावली क्षेत्र में 128 पहाड़ियों में से 31 पहाड़ियां ग़ायब हो गई हैं, जिस पर अदालत ने 48 घंटों के भीतर अवैध खनन बंद करने का आदेश दिया है.
सीबीआई में चल रहे विवाद के बाद दो वरिष्ठतम अधिकारियों- आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के बाद से विपक्षी दलों के हमलों के बाद इस कार्रवाई के संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र की मोदी सरकार का पक्ष रखा.
सरकार का कहना है कि सीवीसी की सिफारिश के आधार पर आलोक वर्मा को हटाया गया है. हालांकि कानून के मुताबिक सीवीसी तब तक ऐसी सिफारिश नहीं कर सकती है जब तक की अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप दर्ज न किए गए हों.
सीबीआई विवाद: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इनका आरोप है कि राकेश अस्थाना को बचाने और राफेल सौदे की जांच से बचने के लिए सरकार ने ऐसा क़दम उठाया.
सीबीआई विवाद: वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण का कहना है कि सीबीआई नवनियुक्त अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव के ख़िलाफ़ गंभीर शिकायतें हैं. निदेशक आलोक वर्मा ने उन्हें सीबीआई से हटाने के लिए और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की थी.
सीबीआई के डिप्टी एसपी एके बस्सी का अंडमान व निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में तबादला कर दिया गया है. वहीं एडिशनल एसपी एसएस गम का तबादला कर सीबीआई जबलपुर भेज दिया गया है.
सीबीआई मुख्यालय स्थित निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के दफ़्तरों को सील किया गया. संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के भीतर हो रही जूतमपैजार भ्रष्टाचार के बदनुमा चेहरे को सामने लाने के साथ राजनीतिक नेतृत्व के शीर्ष स्तर पर सवाल खड़े करती है.
मामला बिलासपुर के एक पुलिस थाने का है. आरोप है कि पुलिस हिरासत में एक महिला पुलिसकर्मी ने अपने पुरुष सहयोगियों के सामने एक वृद्ध महिला और उनकी बेटी न सिर्फ निर्वस्त्र किया बल्कि बुरी तरह से उनकी पिटाई भी की.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले परिवार में समाजवादी पार्टी की कमान को लेकर हुए विवाद के बाद से शिवपाल यादव हाशिये पर चल रहे थे. उन्होंने सपा से अलग होकर समाजवादी सेकुलर मोर्चा नाम का एक संगठन बनाया था.
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब उसके दो वरिष्ठतम अधिकारी एक दूसरे पर बेहद संगीन आरोप लगा रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर तक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर रोक लगा दी. मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी रहे डीएसपी देवेंद्र कुमार को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ़्तार किया था. डीएसपी ने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.