मौलाना अरशद मदनी ने कहा, मुल्क की ख़राब सूरत-ए-हाल से निपटना हर हिंदुस्तानी का फ़र्ज़ है. अगर मुल्क़ में ख़ुदा ना ख़ास्ता बरबादी आई तो वह हिंदू या मुसलमान नहीं देखेगी.
जो इश्क़ करते हैं, बेड़ियों को तोड़ना चाहते हैं, दुनिया को बदलना चाहते हैं, उन्हें आज भी फ़ैज़ की ज़रूरत है.