‘रेप कैपिटल’ और ‘रेप इन इंडिया’ जैसे जुमले न भी बोले जाएं, तब भी महिला सुरक्षा को लेकर होने वाली बदनामी से देश का बचना तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक सरकार आलोचकों से ज़बानी जंग करने के बजाय औरतों के ख़िलाफ़ अपराध रोकने के लिए गंभीर नहीं होती.
वीडियोः देश में लगातार सामने आ रहे बलात्कार और यौन हिंसा के मामले महिला सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावों के उलट हैं. एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते तीन सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कोई कमी नहीं आई है.बता रही हैं रीतू तोमर.