चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की ईवीएम के मतों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों को गिनने की मांग को अव्यवहारिक बताते हुए कहा है कि मतगणना पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही होगी.
सड़क से संसद: जहानाबाद लोकसभा सीट के तहत अरवल ज़िले में लक्ष्मणपुर बाथे गांव आता है, जहां पर साल 1997 में कथित तौर पर रणवीर सेना ने दलित समुदाय के 58 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी- 200 से कम सीटें आने पर इसे रियायतें देनी पड़ेंगी, 220 से ऊपर सीटें आने पर यह मोलभाव करने की बेहतर स्थिति में होगी.
2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी की वशीकरण कला की परीक्षा है. उन्होंने पांच साल चतुराई से सत्ता के तंत्र-मत्रों, मार्केटिंग और झूठ से करोड़ों मतदाताओं की जो वशीभूत भीड़ बनाई है, उसका नतीजा 23 मई को दिखाई देगा.
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले बिना भेदभाव के एक साल के अंदर जिस संसद को अपराध मुक्त बनाने का वादा किया था वह पांच साल बाद भी पूरा नहीं हुआ. इस दौरान उनकी पार्टी के कई सांसदों और मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप लगे मगर आपराधिक मुकदमा चलाने की बात तो दूर, उन्होंने सामान्य नैतिकता के आधार पर किसी का इस्तीफ़ा तक नहीं लिया.
मोदी की बची-खुची राजनीतिक कामयाबी यही है कि विपक्ष के नेता और उनकी सरकारें भी फेल रही हैं. फेल होने वाला हमेशा घर में बताता है कि सब फेल हुए हैं मगर मोहल्ले को बताता है कि वह पास हुआ है, पर रिज़ल्ट किसी को नहीं दिखाता. देश के 50 फीसदी से अधिक छात्रों की यही कहानी आज नरेंद्र मोदी की भी कहानी है.
भाजपा ने आम चुनाव में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से ख़तरे को मुद्दा बनाने का मंच सजा दिया है. वो चाहती है कि विपक्ष उनके उग्रता के जाल में फंसे, क्योंकि विपक्षी दल उसकी उग्रता को मात नहीं दे सकते. विपक्ष को यह समझना होगा कि जनता में रोजगार, कृषि संकट, दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर काफी बेचैनी है और वे इनका हल चाहते हैं.