भाजपा ने आम चुनाव में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से ख़तरे को मुद्दा बनाने का मंच सजा दिया है. वो चाहती है कि विपक्ष उनके उग्रता के जाल में फंसे, क्योंकि विपक्षी दल उसकी उग्रता को मात नहीं दे सकते. विपक्ष को यह समझना होगा कि जनता में रोजगार, कृषि संकट, दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर काफी बेचैनी है और वे इनका हल चाहते हैं.
नागरिकता संशोधन विधेयक के मुद्दे पर नवंबर में असम सरकार से अलग हुई थी असम गण परिषद. भाजपा के साथ बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा ने कहा कि कांग्रेस को हराने के लिए साथ आए हैं.
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनके परिवार से दो लोग चुनाव लड़ रहे हैं. वह 14 बार चुनाव जीत चुके हैं, इसलिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है.
प्रधानमंत्री के यहां-वहां किए गए मज़ाक या तंज़ से अगली कतार में बैठने वालों को हंसाया तो जा सकता है, लेकिन चुनावों में इसका कोई फायदा नहीं होने वाला.
मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को आरक्षण पर क़ानून और प्राइवेट उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का दांव क्या भाजपा को लोकसभा की मंज़िल तक पहुंचाएगा? सीएसडीएस के अभय कुमार दुबे और वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
अभिनेता प्रकाश राज ने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए ट्विटर पर कहा कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के बतौर उतरेंगे.