झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है. मॉब लिंचिग रोधी अधिनियम हिंदू, मुस्लिम या आदिवासी अधिनियम नहीं है, क्योंकि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता. भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने और देश के सामाजिक तानाबाने को नष्ट करने वाला माहौल बनाने के बाद हम यह क़ानून लाने को मजबूर हुए.
झारखंड में मॉब वायलेंस और मॉब लिंचिंग बिल, 2021 के क़ानून बनने पर भीड़ हिंसा के दोषी पाए जाने वालों के लिए जुर्माने और संपत्तियों की कुर्की के अलावा तीन साल से लेकर उम्रक़ैद तक की सज़ा का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल और राजस्थान के बाद इस तरह के विधेयक को पारित करने वाला तीसरा राज्य बन गया है.
रिथिंक आधार, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, बहुजन इकोनॉमिस्ट्स, पीयूसीएल, द इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन, एमकेएसएस और नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स सहित 14 संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इससे सामूहिक तौर पर मताधिकार से वंचित किया जा सकता है.
मॉब वायलेंस और मॉब लिंचिंग बिल, 2021 को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है, जो 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. इसके तहत दोषी पाए जाने पर जुर्माना और संपत्ति ज़ब्त किए जाने के अलावा तीन साल से आजीवन कारावास तक की सज़ा का प्रावधान है. इसके अलावा पीड़ितों के लिए प्रतिकूल माहौल बनाने के लिए जुर्माने और तीन साल तक की सज़ा का भी प्रावधान है.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अन्य पिछड़ा वर्गों की अपनी सूची बनाने का अधिकार प्रदान करने वाले ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को राज्यसभा में पारित कर दिया. यह विधेयक लोकसभा में 10 अगस्त को पारित हो चुका है. हालांकि विपक्ष के नेताओं का कहना है कि जब तक मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा है, तब तक ओबीसी को पूरी तरह न्याय नहीं मिल पाएगा.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर उन फिल्मों के संबंध में दोबारा समीक्षा की शक्तियों के प्रयोग पर रोक लगाई हुई है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरक़रार रखा है. केंद्र सरकार ने मसौदा सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2021 पर दो जुलाई तक जनता की राय मांगी है. विधेयक में फिल्मों की पायरेसी पर जेल की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान भी प्रस्तावित है.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.
गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
बीते 23 मार्च पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट के गिरफ़्तारी की शक्ति देने वाला विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद सदन में अराजकता की स्थिति देखने को मिली थी. विधानसभा में पुलिस बुला ली गई थी. कई विपक्षी विधायकों ने पुलिस पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने की शिकायत की थी.
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ़्तार करने का उसे अधिकार देता है. राजद नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों का आरोप है कि सदन में पुलिस ने विपक्षी विधायकों पर हाथ उठाया गया और महिला विधायकों के साथ बदसलूकी की गई.