एक नए अध्ययन से पता चला है कि पैसे की कमी की वजह से बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों के करीब 85 फीसदी उज्ज्वला लाभार्थी अभी भी खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन यानी कि मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करते हैं.
मोदी सरकार द्वारा बीते चार सालों में बदलाव के बड़े दावों के साथ शुरू की गईं विभिन्न योजनाएं कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर पाने में नाकाम रही हैं.