इससे पहले राज्य में जब भाजपा सत्ता में थी, तब कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्न ने ही आरोप लगाया था कि कई विभागों में ठेकेदारों को निविदाएं हासिल करने और अपने बिलों का भुगतान करवाने के लिए 40 फीसदी रिश्वत देनी पड़ती है. तब कांग्रेस ने इस मुद्दे को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया था.
बीते साल कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र में बसवराज बोम्मई की अगुवाई वाली पिछली भाजपा सरकार पर कामों के लिए '40 फीसदी कमीशन' लेने का आरोप लगाया था. अब इन दावों की जांच के लिए सिद्धारमैया सरकार ने आयोग बनाने की अधिसूचना जारी की है.
भले ही ज़्यादातर चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कांग्रेस आगे है, मगर पिछले चुनावी प्रदर्शनों को पैमाना बनाएं तो मत प्रतिशत के मामले में यह पीछे रही है. साथ ही, कांग्रेस नेताओं को यह डर भी है कि यदि पार्टी बड़े अंतर से नहीं जीती तो भाजपा के धनबल के सामने टिकना उसके लिए आसान नहीं होगा.