द लांसेट ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकारी ख़र्च जीडीपी का लगभग 1.2 प्रतिशत है, जबकि इस पर आम लोगों की अपनी जेब से लगने वाला ख़र्च अधिक है.
गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रंगराजन ने कहा कि विकसित देश की परिभाषा ऐसे देश से है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 12,000 डॉलर सालाना हो. अगर हम नौ फीसदी की दर से विकास करे तब भी इसे हासिल करने में 22 साल लगेंगे.