पेसा क़ानून पारित होने के दो दशक बाद भी झारखंड में यह एक सपना मात्र है. राज्य के 24 में से 13 ज़िले पूर्ण रूप से और तीन ज़िलों का कुछ भाग अनुसूचित क्षेत्र है, लेकिन अभी तक राज्य में पेसा की नियमावली तक नहीं बनाई गई है.
आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम कर रहे जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा से बातचीत.