दूरसंचार विभाग की ओर मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को सर्कुलर जारी कर पांच नवंबर तक स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा सिम कार्ड आवेदन फॉर्म से आधार नंबर के कॉलम को भी हटाने को कहा गया है.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन जैसी टेलीकॉम कंपनियों को सर्कुलर भेजकर 15 दिन में सिम कार्ड से आधार डी-लिंक करने की योजना मांगी है.
साक्ष्य बताते हैं कि आधार के सहारे फ़र्ज़ी बताए गए राशन कार्डों की संख्या का प्रधानमंत्री द्वारा किया गया दावा वास्तविकता से कई गुना ज़्यादा था.
समझ में नहीं आता कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपा हुआ है तो उसका फैसला आए बिना सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की ऐसी अनिवार्यता थोपने का क्या तुक है.