आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने पूर्व चुनाव आयुक्त एके जोती पर आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र सरकार को ख़ुश करने के लिए आप विधायकों को अयोग्य घोषित किया था.
चुनाव आयोग की सिफ़ारिश को दोषपूर्ण बताते हुए अदालत ने कहा कि इसमें नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है. अदालत ने आयोग नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया.
चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने दावा किया है कि उन्होंने संसदीय सचिव के पद पर रहते हुए कोई वित्तीय लाभ या सुविधाएं नहीं लीं.
जन गण मन की बात की 186वीं कड़ी में विनोद दुआ आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए गए पार्टी के विधायकों पर चर्चा कर रहे हैं.
अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह 29 जनवरी तक उपचुनाव तिथियों की घोषणा जैसा कोई क़दम नहीं उठाए.
मार्च 2015 में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. इस लाभ का पद बताते हुए याचिका दाख़िल की गई थी.