साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों की रिहाई पर अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने कहा है कि यह क़दम न्याय का उपहास है और सज़ा से मुक्ति के उस पैटर्न का हिस्सा है, जिसका भारत में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा के आरोपी लाभ उठाते हैं.