सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने बाद से कथित तौर पर ग़ैरक़ानूनी तरीके से नाबालिगों को हिरासत में रखे जाने को लेकर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
एनएसए के दावे के अनुसार अगर अनुच्छेद 370 पर कश्मीर के लोग पूरी तरह से सरकार के साथ हैं, तो उनके नेताओं के बड़ी सभाओं को संबोधित करने की संभावना से सरकार को डर क्यों लग रहा है?
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हमारे कई मंत्री पीओके पर हमला कर उसे वापस लेने के बारे में बात कर रहे हैं. मेरा मानना है कि अगर पीओके अगला लक्ष्य है तो हम इसे जम्मू कश्मीर के विकास के आधार पर ले सकते हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने के मौके पर अपने मंत्रालय का ब्योरा पेश करते हुए कहा कि एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे.
गुजरात के वडोदरा स्थित एमएस विश्वविद्यालय का मामला. विश्वविद्यालय सिंडिकेट के एक भाजपा सदस्य ने कहा कि हमने छात्रों और कर्मचारियों से अपनी स्वेच्छा से रैली में शामिल होने को कहा है, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की गई.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने की बहस के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने दलितों को राज्य में आरक्षण का पूरा लाभ मिलने का ज़िक्र किया. यह भी कहा गया कि डॉ. आंबेडकर भी ऐसा चाहते थे. लेकिन क्या वास्तव में 370 हटने के पहले राज्य में दलितों की स्थिति ख़राब थी?
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए घाटी के 285 लोगों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में रखा गया है. आगरा के केंद्रीय कारागार के 1933 कैदियों में 85 कश्मीर घाटी से लाए गए कैदी हैं. हालांकि, आगरा के केंद्रीय कारागार की कुल स्वीकृत क्षमता केवल 1,350 है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के दौरान सबसे बड़ी उपलब्धि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के एक महीने बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अगर कुछ प्रतिबंधों से आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं तो उससे अच्छा क्या हो सकता है? लोग ज़िंदगी के साथ स्वतंत्रता की बात कहते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि ज़िंदगी पहले आती है, स्वतंत्रता बाद में.
यह मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है. माकपा नेता शेख अब्दुल गनी 'धारा 370- सेतु या सुरंग' नाम की किताब को बेच रहे थे, जिसके लेखक मध्य प्रदेश की माकपा इकाई के प्रमुख जसविंदर सिंह हैं.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर के सौरा में हुए एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ यह युवक पैलेट लगने से घायल हो गया था. हालांकि सेना का कहना है कि युवक की मौत पैलेट से लगी चोट से नहीं बल्कि पथराव से हुई है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब ने संसद में कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच होनी चाहिए.
कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने से एक दिन पहले 4 अगस्त को पीएसए के तहत गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि वे इस निर्णय को लेकर लोगों को प्रभावित कर सकते थे.
श्रीनगर से ग्राउंड रिपोर्ट: मुख्यधारा के मीडिया में आ रही कश्मीर की ख़बरों में से 90 प्रतिशत झूठी हैं. कश्मीर के हालात मामूली प्रदर्शनों तक सीमित नहीं हैं और न ही यहां कोई सड़कों पर साथ मिलकर बिरयानी खा रहा है.
राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटने के बाद के बाद से राज्य में बंद है. एक अधिकारी ने बताया कि पैलेट से घायल 36 लोगों में से 8 बंद के पहले हफ्ते में घायल हुए थे. इस दौरान पत्थरबाजी की 200 घटनाएं हुईं.