फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ के बाद ‘द केरला स्टोरी’ का बनाया जाना एक सिलसिले की शुरुआत है. कम पैसों में, ख़राब अभिनय और निर्देशन के बावजूद सिर्फ़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा प्रचार के विषय के सहारे अच्छी कमाई हो सकती है, क्योंकि ऐसी फ़िल्मों के प्रचार में अब राज्य की मशीनरी और भाजपा का एक पूरा तंत्र काम करता है.
फिल्म में स्पष्ट रूप से फ़र्ज़ी नैरेटिव और आंकड़े दिए गए हैं, और बात प्रोपगैंडा से कहीं आगे की है, लेकिन फिर भी दर्शकों के पास इसे देखकर इसके बारे में अपनी राय बनाने का विकल्प होना चाहिए.
5 मई को रिलीज़ होने वाली फिल्म 'द केरला स्टोरी' के प्रचार के दौरान दावा किया गया था कि राज्य की 32,000 महिलाएं लापता हुईं और फिर उन्हें आतंकी अभियानों में शामिल होने के लिए विदेश भेज दिया गया. इसे लेकर सवाल खड़े होने पर अब जारी फिल्म के नए टीज़र में ऐसी महिलाओं की संख्या तीन बताई गई है.