वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 497 को रद्द कर दिया था, जिसके बाद एडल्ट्री अपराध की श्रेणी से बाहर हो गया था. हालांकि, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि उक्त आदेश में सशस्त्र बल अधिनियम के प्रावधानों के प्रभाव पर विचार नहीं किया गया था. यदि कमज़ोर नैतिकता वाली सेना होगी तो सैन्य अनुशासन प्रभावित होगा.
वीडियो: देश में व्यभिचार यानी एडल्ट्री को जुर्म की श्रेणी से हटाए जाने के तीन साल बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सेना में एडल्ट्री को जुर्म ही रहने दिया जाए. सरकार का कहना है कि इससे सेना में अनुशासन के पालन पर असर पड़ता है.
मथुरा के मजरा नगला बरी गांव की घटना. कथित तौर पर चरित्र पर शक होने के चलते पति ने पत्नी से भरी पंचायत में हाथों पर अंगारे रखवाए, जिससे उसके हाथ गंभीर रूप से झुलस गए. पुलिस ने महिला के पति समेत 6 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 158 साल पुराने भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को असंवैधानिक ठहराया, कहा ये मनमाना कानून था.
शीर्ष अदालत 158 वर्ष पुरानी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 497 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है.