लोकसभा में शून्य काल के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अल जज़ीरा और द रिपोर्टर्स कलेक्टिव द्वारा प्रकाशित फेसबुक के एल्गोरिदम संबंधी उन रिपोर्ट्स का ज़िक्र किया जिनमें इस सोशल मीडिया कंपनी द्वारा विपक्षी राजनीतिक दलों की तुलना में भाजपा को सस्ती दरों पर विज्ञापन देने का ख़ुलासा हुआ था.
फेसबुक के खर्च ट्रैकर पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पर ‘सामाजिक मुद्दों, चुनावों और राजनीति’ श्रेणी में खर्च करने वाले शीर्ष-10 विज्ञापनदाताओं में से चार अन्य विज्ञापनदाता भाजपा से ही जुड़े हुए हैं, जिनमें से तीन के पते दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय के ही हैं.
फेसबुक की विज्ञापन से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फरवरी की शुरुआत से 15 मई तक उसके प्लेटफॉर्म पर 1.21 लाख राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण हुआ. इन विज्ञापनों पर राजनीतिक दलों ने 26.5 करोड़ रुपये ख़र्च किए.
‘फेसबुक एंड लाइब्रेरी’ रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी से 30 मार्च के बीच 51,810 राजनीतिक विज्ञापनों पर 10.32 करोड़ रुपये से ज़्यादा ख़र्च किए गए, जिसमें भाजपा और उसके समर्थक विज्ञापनों पर बड़ा हिस्सा ख़र्च कर रहे हैं.