विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लिखे पत्र में इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन ने कहा है कि तालिबानी शासन में अफ़ग़ान पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाइयों और हमलों में खासी बढ़ोतरी हुई है.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित एक अख़बार के दो अफ़ग़ान पत्रकारों सहित कई अन्य पत्रकारों ने तालिबान की हिरासत में बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने की बात कही है. जानकारी के अनुसार, तालिबान द्वारा पत्रकारों से कहा गया कि महिलाओं की तस्वीरें लेना ग़ैर-इस्लामिक है.
बीते 15 अगस्त को तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश करने के बाद से ही ‘अफ़ग़ानिस्तान नेशनल रेडियो और टेलीविजन’ (आरटीए) ने सीधा प्रसारण बंद कर कर्मचारियों को घर भेज दिया था. शमशाद टीवी और तोलो टीवी के सुरक्षा गार्डों को नि:शस्त्र कर दिया गया और तोलो टीवी का सीधा प्रसारण या कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं.