सभी फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित नहीं की जाती है जिसकी वजह से टमाटर, प्याज और आलू जैसे उत्पादों की हालत बेहद ख़राब है.
विशेष रिपोर्ट: द वायर की पड़ताल में ये जानकारी सामने आई है कि सोयाबीन के किसानों को सबसे ज़्यादा 542 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अधिकतर राज्यों में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम दाम पर अनाज बेचने को मजबूर हैं.