वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियों को लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व यानी एजीआर का भुगतान दूरसंचार विभाग को करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को आगाह किया है कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में उन पर जुर्माना और ब्याज लगेगा.
एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये चुकाने के साथ ही उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना किए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि अगर सरकार से हमें आर्थिक मदद नहीं मिली, तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी.
वोडाफोन-आइडिया ने दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 23,045 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के कारण कंपनियों पर स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी जैसी मदों में देनदारी अचानक बढ़ गई है.
केंद्र ने बीते जुलाई में शीर्ष अदालत को बताया था कि एयरटेल पर 21,682.71 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के बकाया थे. इसी तरह वोडाफोन पर 19,823.71 करोड़, रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 16,456.47 करोड़ और सरकारी स्वामित्व वाले बीएसएनएल पर 2,098.72 करोड़ और एमटीएनएल पर 2,537.48 करोड़ रुपये बकाया है.