इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि पिछले अनुभव से कोई सीख न लेने और चुनाव के दौरान लापरवाही बरतने तथा धार्मिक आयोजनों पर समय रहते रोक न लगाए जाने जैसे कारक भी दूसरी लहर के घातक प्रसार के लिए ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में विशेषज्ञों की लगातार अनदेखी एक बहुत बड़ा जुर्म है.
एक वीडियो का हवाला देते हुए देश में डॉक्टरों की शीर्ष संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा था कि रामदेव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है’ इस पर आईएमए सहित कई संस्थाओं ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा था कि रामदेव के ख़िलाफ़ महामारी अधिनियम के तहत मुक़दमा चलाना चाहिए, क्योंकि ‘अशिक्षित’ बयान देश के शिक्षित समाज के लिए एक ख़तरा है, साथ ही ग़रीब लोग इसका शिकार हो
सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है’. आईएमए, एम्स आरडीए, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन समेत कई अस्पतालों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर रामदेव के ख़िलाफ़ महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है.
पटना एम्स के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड वॉर्ड में ड्यूटी पर कर रहे डॉक्टरों को हफ्ते भर के रोटेशनल क्वारंटीन में रखा जाए. डॉक्टरों ने उनकी मांगे पूरी करने के लिए अस्पताल प्रशासन को पांच दिन की समयसीमा देते हुए इसके बाद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
देश की तीन बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. गगनदीप कांग और डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने अपनी नई किताब में कहा है कि संक्रमण के बाद उत्पन्न होने वाली स्थितियां इस महामारी का अगला चरण हो सकता है.
इस साल जुलाई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम की की सोसाइटी में रहने वाली 62 वर्षीय एक महिला ने उनके ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी और दरवाजे पर पेशाब करने का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने यह शिकायत वापस ले ली थी.
भारतीय समाज में आप भले ही जाति को मौजूद न जानें, लेकिन जाति सबको जानती है.
वाराणसी पुलिस ने बताया कि युवक को मानसिक बीमारी को लेकर 16 अगस्त को बीएचयू के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था और कोविड-19 संक्रमित होने का पता चला था.
दक्षिणी दिल्ली के हौज़ ख़ास इलाके में किराये के मकान में शुक्रवार की दोपहर को एम्स के 40 वर्षीय डॉक्टर का शव छत से लटका हुआ मिला. इससे पहले एक महीने के अंदर एम्स के दो डॉक्टरों ने कथित तौर पर संस्थान की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु के रहने वाले साल 2018 बैच के 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र विकास को अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया था. कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर उनका इलाज चल रहा था.
एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर की शिकायत पर जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महिला से आरोपी फैकल्टी सदस्य ने ‘अपनी औकात में रहो’ जैसे वाक्यों और जातिगत शब्दों का प्रयोग किया था, इसलिए उनके ख़िलाफ़ सख़्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मृतक राजमणि सत्तार मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले थे. पांच-छह महीने पहले उनकी आंत का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद से ही वह एम्स में भर्ती थे. पिछले दो हफ्तों में एम्स में कथित तौर पर आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि एम्स के 25 वर्षीय जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टर अनुराग कुमार पिछले कुछ समय से अवसाद में चल रहे थे. इससे पहले कोरोना संक्रमित पत्रकार तरुण सिसोदिया ने एम्स ट्रॉमा सेंटर की चौथी मंज़िल से कथित तौर पर कूदकर जान दे दी थी.
कोरोना संक्रमित पत्रकार तरुण सिसोदिया की दिल्ली के एम्स में छह जुलाई को मौत हो गई थी, अस्पताल प्रशासन का दावा था उन्होंने चौथी मंज़िल से छलांग लगा ली थी जिससे उनकी मौत हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एम्स और जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रशासन में आवश्यक बदलाव के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है.
वीडियो: राजधानी दिल्ली में 37 वर्षीय कोरोना वायरस से संक्रमित एक पत्रकार ने एम्स की चौथी मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली है. उनके निधन के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.