एक रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय का यह क़दम केंद्र द्वारा राज्यों को भेजे उस प्रस्ताव के ठीक बाद आया है, जिसमें अखिल भारतीय सेवा नियमों में संशोधन की बात कही गई थी, जो केंद्र सरकार को शक्ति देता कि वह किसी भी आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा अधिकारी को राज्य की अनुमति या बिना अनुमति के भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुला सकती है.