पीड़ित परिवारों ने एक बयान में कहा है कि भारतीय सशस्त्र बल के 21वें पैरा कमांडो के दोषियों को नागरिक संहिता के तहत न्याय के कटघरे में लाने और पूरे पूर्वात्तर क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटाने तक वे मुआवज़ा स्वीकार नहीं करेंगे. नगालैंड के मोन ज़िले में चार से पांच दिसंबर के दौरान एक असफल उग्रवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना की गोलीबारी में कम से कम 14 नागरिकों की जान चली गई थी.
नगालैंड में कोन्यक जनजाति का शीर्ष संगठन ‘कोन्यक यूनियन’ ने मोन ज़िले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावे ‘ग़लत पहचान’ और सुरक्षा बलों द्वारा ‘आत्मरक्षा’ में आम लोगों पर गोली चलाने के तर्क को भी ख़ारिज किया और कहा कि उन्हें कोन्यक और नगालैंड के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए.
बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन ज़िले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दिसंबर को संसद में कहा था कि सैन्यबल के इशारे पर गाड़ी न रुकने के बाद फायरिंग की गई थी. विभिन्न संगठन उनके इस बयान को झूठ बताते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं.
राष्ट्रमंडल देशों में रहने वालों के अधिकारों के लिए काम करने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने हाल ही में सुरक्षा बलों के हाथों 14 नागरिकों की मौत को लेकर राज्य में तत्काल मानवाधिकार आयोग के गठन की मांग की है.
केंद्र के साथ नगा राजनीतिक वार्ता में प्रमुख वार्ताकार एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि आफ़स्पा के कारण नगाओं को कई मौकों पर कड़वा अनुभव मिला है. इसने काफ़ी ख़ून बहाया है. ख़ून और राजनीतिक बातचीत एक साथ नहीं चल सकती. वहीं मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी बयान दिया है कि सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मौत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.
वीडियो: बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने सेना को विशेष अधिकार देने वाले आफ़स्पा हटाने की मांग की है.
जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.
गुजरात में अमित शाह के प्रतिनिधित्व वाले लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में भाजपा ‘गांधीनगर लोकसभा प्रीमियर लीग 370’ या ‘जीएलपीएल 370’ के नाम से क्रिकेट और कबड्डी में टूर्नामेंट का आयोजन कराने जा रही है. इसका मक़सद अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित करना है.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके. कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब पुलिस की निगरानी में दफनाए गए शवों को वापस निकाल कर उनके परिजन को लौटाया गया.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था, वहीं इनके परिवारों का कहना है कि वे आम नागरिक थे. चार में से तीन के परिजनों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए से राज्य की नवनियुक्त मुख्य सचिव को बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि मुख्य सचिव काम चलाने लायक भी मिज़ो भाषा नहीं जानती हैं और उनकी कैबिनेट के सदस्य हिंदी नहीं समझ पाते हैं और कुछ को अंग्रेज़ी में भी मुश्किल होती है.
कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले महीने श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के बाद आया है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर में सैनिकों के रहने का इंतज़ाम करने के लिए विवाह हॉल को भी बैरकों में तब्दील करना शुरू कर दिया है.
पुलिस अधिकारियों ने का कहना है कि इंटरनेट बंद करने और दोपहिया वाहनों को ज़ब्त करने का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से कोई लेना-देना नहीं है. यह आतंकवाद रोधी नियमित उपायों का हिस्सा है. शाह तीन दिवसीय दौरे के लिए शनिवार को श्रीनगर पहुंचेंगे और सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करेंगे.
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार से अपील की है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ले. उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा मारे गए नागरिकों को लेकर चिंता ज़ाहिर करते हुए यह भी कहा कि जब वे कश्मीर के गवर्नर थे तो आतंकी श्रीनगर के 50 किलोमीटर के दायरे में घुसने की हिम्मत नहीं करते थे.