2012 में अरुण जेटली ने कहा था कि रिटायरमेंट के फौरन बाद जजों को किसी नए सरकारी पद पर नियुक्त करना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए ख़तरनाक हो सकता है, लेकिन उनकी इस सलाह को उनकी ही सरकार में कोई तवज्जो नहीं दी गई है.
केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के बाद महज पांच दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में असामान्य ढंग से जमा हुई बड़ी राशियों की जांच न कराना अजीब है, जबकि ऐसा करने के लिए नया बेनामी लेन-देन कानून भी है, जिसे बनाया ही इसी मकसद से गया है.
हमारी राष्ट्रीय राजनीति और भाजपा कांग्रेस विरोधी आंदोलन यानी प्रतिरोध का ही नतीजा हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता. ख़ुद भाजपा भी नहीं. वे चाहते हैं कि हम इमरजेंसी के बारे में जानें लेकिन उतना, जितने से उन्हें नुकसान न पहुंचे.
नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस नाम पर सहमत नहीं थीं. अशोक परनामी के इस्तीफ़ा देने के बाद ढाई महीने से ख़ाली था पद.
कोलकाता में हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वंदे मातरम को धार्मिक रंग दिया. उसने अगर ऐसा नहीं किया होता, तो देश नहीं बंटता.
भाजपा से छह बार विधायक और दो बार मंत्री रहे राजस्थान के घनश्याम तिवाड़ी ने यह पत्र पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखा है.
मीडिया बोल की 55वीं कड़ी में उर्मिलेश मॉब लिंचिंग की घटनाओं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता वाले सहकारी बैंक में नोटबंदी के बाद सर्वाधिक रकम जमा होने पर वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.
बैंक में गड़बड़ी न होने की नाबार्ड की सफ़ाई से साफ़ है कि इस संस्था पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे समय जब सरकारी संस्थाएं और मीडिया चुप हों तो जनता को आगे आना चाहिए.
जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी सरकार में मंत्री रहे चौधरी लाल सिंह ने पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि कश्मीरी पत्रकारों को सोचना होगा कि उन्हें कश्मीर में कैसे रहना है.
यदि धार्मिक आधार पर हम राष्ट्रीयता तय करेंगे तो देश में एक बहुत बड़ी खाई पैदा हो जाएगी जिसकी वजह से भारत की प्रगति में बाधा आएगी.
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा नेताओं पर सवाल उठाती किसी ख़बर को न्यूज़ वेबसाइट्स ने बिना कारण बताए हटाया है.
मुंबई के मनोरंजन ए रॉय ने आरटीआई से जानकारी प्राप्त की है कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने से लेकर 14 नवंबर तक अहमदाबाद ज़िला सहकारिता बैंक में 745 करोड़ और राजकोट के ज़िला सहकारिता बैंक में 693 करोड़ जमा हुए.
एक आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद 5 दिन के अंदर अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक में तकरीबन 750 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी जमा हुई, जो किसी सहकारी बैंक में जमा हुई सर्वाधिक राशि है.
जन गण मन की बात की 260वीं कड़ी में विनोद दुआ जम्मू कश्मीर में भाजपा के सरकार से समर्थन वापस लेने और भारत की वैश्विक छवि पर चर्चा कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर में भाजपा के पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के साथ अब राज्य में राज्यपाल शासन अपरिहार्य नज़र आ रहा है. राज्य के हालात पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की है.