विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर में भाजपा आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है. प्रत्याशी चयन में एक महीना लगना और इस दौरान दर्जन भर नेताओं का नाम आना व ख़ारिज होना इसका उदाहरण है. आखिर में ऐसे प्रत्याशी को ‘आयात’ करना पड़ा, जिसे लेकर पार्टी और समर्थकों में उत्साह नहीं दिख रहा है.
मारे गए लोग सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी और मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद राज्य में पहली बार लोकसभा की 25 एवं विधानसभा की 175 सीटों के लिए मतदान हुए.