वेदांता समूह के स्टरलाइट प्लांट के कर्मचारियों की व्यथा बताती है कि कंपनी का अपने कर्मचारियों के प्रति रवैया बेहद अमानवीय था.
वेदांता की छवि हमेशा से ही पर्यावरण और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली कंपनी की रही है. दिलचस्प ये है कि कंपनी नरेंद्र मोदी सरकार के 'विकास एजेंडा' के झंडाबरदारों में से एक है.