लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ‘यूएन वुमेन’ की प्रमुख फुमजिले म्लाम्बो नगकुका ने कहा कि महिलाओं को संघर्षों को समाप्त करने के लिए होने वाली वार्ताओं से अब भी सोच-समझकर बाहर रखा जाता है और इन वार्ताओं में पुरुष उनके जीवन को प्रभावित करने वाले फैसले लेते हैं.
धर्म या आस्था के आधार पर हिंसा का शिकार होने को लेकर 22 अगस्त को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के अपने संदेश में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव और अन्य संबंधित घृणा अपराधों को समाप्त किया जाना चाहिए.