जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में परंपरागत राजनीतिक दल- पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस आदि ही निर्दलीय प्रत्याशियों समेत छोटे क्षेत्रीय दलों को भाजपा का 'प्रॉक्सी' और 'बी' टीम बता रहे थे. हाल यह है कि अब स्वतंत्र प्रत्याशियों को समर्थन देने वाले जमात-ए-इस्लामी ने भी यही दावे दोहराए हैं.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई परिसीमन प्रक्रिया का राज्य की मुख्यधारा की पार्टियों के अलावा कश्मीरी पंडित सहित कई हितधारकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
जम्मू कश्मीर में एक अप्रैल को डोमिसाइल के साथ ही भर्ती संबंधी नियम जारी होने के बाद नेशलनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, अपनी पार्टी, पैंथर्स पार्टी समेत कई संगठनों ने विरोध किया था. इसे धोखा बताते हुए वापस लेने की मांग की थी.
अल्ताफ बुखारी घाटी के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं. कश्मीर के विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि बुखारी की पार्टी को केंद्र का अप्रत्यक्ष समर्थन है.