सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के पंद्रह साल बाद के 'नए भारत' में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर मुस्लिमों की समस्याओं या हक़ों की बात करने को बहुसंख्यकों के हितों पर 'आघात' माना जाता है. ख़ुद मुस्लिमों के लिए भी अब सबसे बड़ा मुद्दा जान-माल की हिफाज़त बन गया है.
आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.
कोलकाता में हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वंदे मातरम को धार्मिक रंग दिया. उसने अगर ऐसा नहीं किया होता, तो देश नहीं बंटता.
गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विपक्ष द्वारा तुष्टिकरण के आरोप पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सर्कुलर सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों पर आधारित था.
मुज़फ्फरनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि देश का नाम हिंदुस्तान है यानी हिंदुओं का देश.
आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.