एप्पल का पेगासस के ख़िलाफ़ मुक़दमा भारत सरकार के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है

वॉट्सऐप या फेसबुक के उलट एप्पल विवादित नहीं है और मोदी सरकार द्वारा इसे काफी ऊंचे पायदान पर रखा जाता है. इस पृष्ठभूमि में अब तक पेगासस के इस्तेमाल को नकारती आई भारत सरकार के लिए एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम में हुई सेंधमारी के संबंध में कंपनी के निष्कर्षों को नकारना बहुत मुश्किल होगा.

एप्पल ने पेगासस स्पायवेयर की निर्माता कंपनी इज़रायल के एनएसओ ग्रुप पर मुक़दमा दायर किया

तकनीकी कंपनी एप्पल ने उत्तरी कैलिफोर्निया अदालत में इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुक़दमा दायर किया है. एप्पल ने एक बयान में कहा है कि एनएसओ ग्रुप ने अपने पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये एप्पल यूज़र्स की डिवाइसों को निशाना बनाया है. एप्पल का यह क़दम अमेरिकी सरकार द्वारा एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट करने के कुछ हफ़्तों बाद आया है.

पेगासस प्रोजेक्ट को पत्रकारिता के लिए यूरोपीय संसद का 2021 डाफ्ने करुआना पुरस्कार मिला

द वायर सहित एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये कई देशों के नेता, पत्रकार, कार्यकर्ताओं आदि के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे सर्विलांस के संभावित निशाने पर थे.

फ्रांस के पांच कैबिनेट मंत्रियों के फोन में पेगासस के निशान पाए गए: रिपोर्ट

फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा की गई एक जांच में पांच कैबिनेट मंत्रियों के फोन में ख़तरनाक पेगासस स्पायवेयर के होने का पता चला है. जुलाई महीने में पेगासस प्रोजेक्ट के तहत सामने आए संभावित सर्विलांस का निशाना बने फोन नंबरों के डेटाबेस में भी इन मंत्रियों के नंबर मिले थे.

पेगासस खुलासों पर नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों की भिन्न प्रतिक्रियाओं के क्या अर्थ हैं

फ्रांस की सरकार ने न सिर्फ ‘अपुष्ट मीडिया रपटों’ को गंभीरता से लिया, बल्कि जवाबदेही तय करने और अपने नागरिकों, जो ग़ैर क़ानूनी जासूसी का शिकार हुए या हो सकते थे, के हितों की रक्षा के लिए स्वतंत्र तरीके से कार्रवाई की. इसके उलट भारत ने निगरानी या संभावित सर्विलांस के शिकार व्यक्तियों को ही नकार दिया.

पुलिसिया क्रूरता पर काम करने वाले पंजाब के वकील के फोन में मिले पेगासस के निशान

पेगासस प्रोजेक्ट: एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब द्वारा किए गए फॉरेंसिक परीक्षण में तरनतारन के वकील जगदीप सिंह रंधावा के फोन में पेगासस की गतिविधि के प्रमाण मिले हैं. साथ ही लुधियाना के एक वकील जसपाल सिंह मंझपुर का नाम सर्विलांस के संभावित निशानों की लिस्ट में मिला है.

जजों की जासूसी न्यायपालिका की आज़ादी पर बहुत बड़ा हमला है

वीडियो: पेगासस जासूसी मामले में एक के बाद एक नया पर्दाफ़ाश द वायर कर रहा है, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अरुण मिश्रा और दो रजिस्ट्रार का नाम सामने आया है. इसके बाद न्यायपालिका के कामकाज को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सीनियर अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

पेगासस खुलासे के बाद एल्गार परिषद मामले को नई रोशनी में देखा जाना चाहिए: पूर्व पुलिस अधिकारी

एक कार्यक्रम में तीन वरिष्ठ सेवानिवृत्त शीर्ष पुलिस अधिकारियों- जूलियो रिबेरो, वीएन राय और एसआर दारापुरी ने कहा कि एल्गार परिषद मामले में इस बात की व्यापक जांच होनी चाहिए कि आरोपियों के फोन और लैपटॉप जैसे डिवाइस में जाली सबूत पहुंचाने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं.

पेगाससः जस्टिस अरुण मिश्रा का पुराना नंबर, सुप्रीम कोर्ट कर्मियों, वकीलों के नंबर भी शामिल

पेगासस प्रोजेक्ट: एनएसओ ग्रुप के लीक डेटाबेस में मिले भारतीय नंबरों की फेहरिस्त में सुप्रीम कोर्ट के जज रहे जस्टिस अरुण मिश्रा द्वारा पूर्व में इस्तेमाल किए गए एक नंबर के साथ नीरव मोदी और क्रिश्चियन मिशेल के वकीलों के नंबर भी मिले हैं, जो संभावित सर्विलांस के निशाने पर थे.

सच बाहर लाने के लिए फोन निगरानी से जुड़े पहलुओं की जांच की जानी चाहिए: नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के सहयोगी दलों के ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने पेगासस प्रोजेक्ट के खुलासों की जांच की मांग की है. द वायर समेत दुनिया के 17 संस्थानों ने बताया था कि देश के केंद्रीय मंत्रियों, 40 से ज़्यादा पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, एक मौजूदा जज, कई कारोबारियों व कार्यकर्ताओं समेत 300 से अधिक भारतीय फोन नंबर उस लीक डेटाबेस में थे, जिनकी पेगासस से हैकिंग हुई या वे संभावित निशाने पर थे.

पेगासस प्रोजेक्ट: बिहार के स्वतंत्र पत्रकार संजय श्याम की क्यों हुई जासूसी

वीडियो: पेगासस जासूसी मामले में बिहार के स्वतंत्र पत्रकार संजय श्याम का नाम भी शामिल है. इस विषय पर द वायर ने उनसे बातचीत की.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: जासूसी की संभावित सूची में पूर्वोत्तर के नेताओं के नाम के क्या मायने हैं

वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में पेगासस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सामने आई संभावित सर्विलांस की लिस्ट में असम और नगालैंड के नेता तथा मणिपुर के लेखक का नंबर मिलने और असम-मिज़ोरम सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

आप जासूस कमाल के हैं, राजा कैसे बन गए

युवाओं की टीम ने जनता का हाल जानने के लिए राजा को कई सारा आइडिया दिया, मगर सब ख़ारिज हो गए. राजा को रात में निकलना पसंद नहीं आ रहा था. राजा ने समझाया कि इस शहर के चप्पे-चप्पे पर उसकी तस्वीर लगी है. इसलिए बाहर निकलते ही पहचाने जाने का ख़तरा है. तभी एक सदस्य ने कहा कि फोन की जासूसी करते हैं.

पेगासस: यह आम सर्विलांस नहीं, जेब में जासूस लेकर चलने से भी आगे की बात है

टेक्नोलॉजी को वापस नहीं लिया जा सकता. लेकिन इसे मुक्त बाज़ार में अनियंत्रित, क़ानूनी उद्योग के रूप में काम करने की इजाज़त देने की ज़रूरत नहीं है. इस पर क़ानून की लगाम होनी चाहिए. तकनीक रह सकती है, लेकिन उद्योग का रहना ज़रूरी नहीं है.

पेगासस प्रोजेक्ट: डीएनए के पूर्व पत्रकार दीपक गिडवानी की क्यों हुई जासूसी?

वीडियो: डीएनए के पूर्व विशेष संवाददाता और स्वतंत्र पत्रकार दीपक गिडवानी का फ़ोन नंबर पेगासस की जासूसी वाली संभावित सूची में शामिल है. इस मुद्दे पर दीपक गिडवानी से द वायर की बातचीत.